मैथिली किस्सा – गोनू झाक चारिटा बेटा
मैथिली किस्सा - गोनू झाकेँ बेर-बेर चोरक चक्कर लागल रहैत छलनि। मुदा हुनका तकर डर रंचमात्रो नहि होइत छलनि। एहिना एक बेर ओ पंडिताइनक संगे घरमे पड़ल-पड़ल सुतबाक उपक्रम क रहल छलाह। राती निसभेर भ गेलनि तैयो ओ गप्पे क रहल छलाह। मुदा चोरबा सभ हुनका सुति रहल रहबाक भ्रममे
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