मैथिली किस्सा – गोनू झाक माछ आ नौआ
मैथिली किस्सा: गोनू झा एकबेर बहुत दिनक बाद अपन जजमनिकासं घुरल आबैत छलाह। बाटमे हाट देखि ठमाकि गेलाह। माछक बाजार मे माछक अम्बार देखि मोन पनिया गेलनि। बटुआ टोलनि। भरल छलनि। जजमान कयनहुरहनि बेस बिदाइ। कराचुर एक मासक बिदाइ रहनि बटुआमे। चट अपन पसिन्नक रोहु माछ तौलबाक हेतुमलाहकेँ कहलनि। जीबैत
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