Wednesday, May 29, 2024
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Gonu Jha Panchayati - Maithili Samachar

मैथिली किस्सा – गोनू झाक पंचैती

मैथिली किस्सा : एक बेरक गप्प छै। गोनू झाक प्रतीक्षा करैत-करैत पंडिताइनक आंखि पाथर भ गेलनि आ ओहि पाथर भेल आंखिमें निन्द आब लग्लनि| पंडिताइन सोचैत रहलीह जे दुपहर राति भेलै मुदा आइ एखन धरि कतस छथि से नहि जानि। कहकि गेल छलाह जे आइ कोनो काज नहि अछि, तुरंन्त

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Garden Of Gonu Jha - Maithili Samachar

मैथिली किस्सा – गोनू झाक बाड़ी

मैथिली किस्सा : गोनू झा बड़ गूढ़ लोक छलाह। एक बेरक गप्प छै। एक राति गोनू झा घर मे सुतल छलाह। निसभेर राति मे सहसा निन्न उचटि गेलनि। देखैत छथि जे चोरबा सभ सेन्ह काटि क्रमशः घरमे प्रवेश क रहल अछि। तत्क्षण किछु नहि फुरलनि त फोंफ कटैत पत्नीकेँ पाँजरमे

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Gonu Jha Chamarchhonch

मैथिली किस्सा – गोनू झाक चमरछोंच

मैथिली किस्सा : गोनू झा बड़ गूढ़ लोक छलाह। हुनका चीन्हब बड़ दुरूह काज छल। जिनगी पर्यन्त आ सभकेँ छकबिते रहलाह तेँ सम्पूर्णतामे ओ एक धूर्त पंडीजी रहथि से सभ मानैत रहनि आ ताही कारणे सभ हुनकासं साकाक्ष रहैत छल। के जानय, कखन कोन व्याजें कत छका बैसताह। एक बेरक गप्प

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gonu jha banquet - maithili samachar

मैथिली किस्सा – गोनू झा भोज कयलनि

मैथिली किस्सा : जखन गोनू झा बृद्ध पिताक देहावसान भ गेलनि त गौंआँ लोकनिकें प्रसन्नता भेलनि जे एकटा दमगर भोज पारि लागत। सरझप्पीक बाद गौंआँ सभ गोनू झा क दलान पर जुमैत गेलाह आ हुनक पिताक महानताक बखान करैत वृषोरत्सर्ग श्राद्धक संग असिद्ध भोज करबाक सुझाब देब लगलथिन। बेर बेर

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Gonu Jha and Sethji Maithili Story

मैथिली किस्सा – गोनू झा आ सेठजी

मैथिली किस्सा : एक समय गोनू झा गरीबीक दिन काटि रहल छलाह। एकटा सेठसं ओ सय टाका कर्ज लेलनि। ओकर सुदि बढ़ैत गेल, जे हजार धरि ठेकि गेल। एक दिन सेठजीकें पता लगलनि जे गोनू झाक पुत्र के विवाह भ रहल छैन। ओ सोचलनि जे ऐन मौका पर ओत पहुँचल

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Gonu Jha Baang Seed maithili story

मैथिली किस्सा – गोनू झा के बंगौर के चोरी

मैथिली किस्सा - गोनू झा रहथि सतर्क आ बुद्धिमान लोक छलाह। अपन बुद्धिमत्ता आ विद्वताक बल पर ओ सदैव मिथिलाक राजदरवार में आदर पाबथि आ यदा-कदा इनाम सेहो। एक बेर गोनू झा बांगक खेती नीक जकाँ कयने रहथि। उपजा सेहो नीक भेलनि। ओकरा बेचि नीक पाइ सेहो अर्जित कयलनि। मुदा

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Cat of Gonu jha maithili story

मैथिली किस्सा – गोनू झाक बिलाड़ी

मैथिली किस्सा - एक बेर राजाकें इच्छा भेलनि अत्यंत चतुर दरबारीक। एहि दृष्टिसं ओ दरबारी सभक एकटा बैसार आयोजित कयलनि। बैसारमे ओ कहलनि जे हमरा एकटा अत्यंत चतुर दरबारीक प्रयोजन अछि। ओकरा हम विचारकक रूपमे नियुक्त कर चाहैत छी, संगहि एहि विधायमे पारंगत व्यक्तिकें किछु बहुमूल्य उपहार देब चाहैत छी।

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andher nagari chaupat raja

मैथिली किस्सा – ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा’

मैथिली किस्सा: एक समयक बात अछि, कोशी नदीके किनारे एगो गुरु अपन चेला चिंतामणि के संग कुटिया बना के रहय छैलैथ। एक दिन गुरु आ चेला दुनु गोटे तीर्थयात्रा पर निकललाह। बहुत दूर चलला पर दुनू गोटे एगो अनजान नगर में पहुँचलाह। नगर पहुँचला पर एगो बगीचा में खोपड़ी बना के

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मैथिली किस्सा - गोनू झाक पुरस्कार (Maithili Samachar)

मैथिली किस्सा – गोनू झाक पुरस्कार

मैथिली किस्सा : मिथिला दरबार प्रवेश द्वार पर नियुक्त एकटा द्वारपाल अत्यधिक लोभी आ घुसखोर छल। प्रायः दोसरे-तेसरे गोनू झाकेँ किछु-ने-किछु पुरस्कार भेटैत छलनि आ से देखि ओही द्वारपालकेँ करेज फाटय लगैक। ओ सदिखन मनमे यैह योजना बनाबय जे कोहुना गोनू झा केँ फेरमे देल जाय, जाहिसँ प्राप्त पुरस्कारक किछु

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